IPC: The Ratnagiri Files Ultra Play की एक क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज़ है, जो असल जीवन की ग्रामीण सच्चाइयों, सामाजिक उपेक्षा, और न्याय की लड़ाई को दिखाती है। मुख्य भूमिका में हैं किशोर कदम (Kishor Kadam), देविका दफ्तारदार, अभेनेय सावंत, राजेंद्र शिसतकर और सुरेश विश्वरकर आदि। सीरीज़ का सेट-अप कोंकण (Konkan) के रत्नागिरी जिले में है, जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ कई सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से भी जूझ रहा है।

कहानी
IPC: The Ratnagiri Files – सीरीज़ की शुरुआत होती है Shimgotsav के दिन, जब रत्नागिरी के एक छोटे गांव में एक 20 वर्षीय लड़की के साथ बेहद हिंसक हमला हो जाता है। उस घटना से शुरू होती है घूमते-फिरते घटनाओं की श्रृंखला — पुलिस, पंचायत, गांववालों की सहमति या खामोशी, मीडिया की भूमिका, और इन्वेस्टिगेशन के समय में लोगों की मनोदशा।
हम देखते हैं कि कैसे इस एक घटना से अनेक राज खुलते हैं — किसका हाथ है, कौन है प्रभावित, कौन है दबाने वाला, कौन है डरने वाला। पुलिस की कार्रवाई, गांव की सामाजिक संरचना, जात-पात, सत्ता का दखल, और न्याय मिलने की उम्मीदें/निराशाएँ — ये सब मिलकर कहानी को गहरा बनाते हैं। Kishor Kadam जैसे अनुभवी अभिनेता इस संघर्ष और दर्द को जीते हैं।
वो क्या बातें हैं जो काम करती हैं
- स्थानीय माहौल और प्रामाणिकता: कोंकण क्षेत्र की भाषा, गांव की जीवनशैली, त्योहार (Shimgotsav) और ग्रामीण रीति-रिवाज को दिखाने का तरीका ज़्यादा वास्तविक है — ये चीज़ दर्शकों को कहानी से जोड़ती है।
- एक्शन कम, प्रभाव अधिक: यह सीरीज़ बम फोड़ने और बहुत ज़्यादा हिंसा दिखाने की बजाय सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को उजागर करती है। इससे जबर्दस्त असर होता है।
- अभिनय की गुणवत्ता: Kishor Kadam के अलावा दूसरी कलाकारों ने भी अपनी भूमिकाएँ बमुश्किल निभाई हैं, विशेषकर पीड़िता के परिवार के सदस्य, पुलिस अधिकारी, गांववालों की प्रतिक्रियाएँ — इन पात्रों में मानवीय भावनाएँ हैं और वो ज़्यादा over the top नहीं हैं।
- थ्रिलर + सामाजिक संदेश का मिश्रण: सिर्फ़ अपराध की कहानी नहीं है — सिस्टम की खामियाँ, ग्रामीण neglect, मीडिया की भूमिका, न्याय व्यवस्था की धीमी गति — ये सब बातें उठती हैं। ये वो बातें हैं जिनसे दर्शक सिर्फ एंटरटेन होते नहीं बल्कि सोचते भी हैं।
कमजोरियाँ / जहाँ कमी महसूस होती है
- पेसिंग (गति) में उतार-चढ़ाव: कुछ एपिसोड शुरुआत में धीमे लगते हैं — घटनाएँ खुलती हैं लेकिन भावनात्मक क्लाइमेक्स आने में समय लगता है।
- कल नाटकीय बातें: कभी-कभी सीरीज़ में ग्रामीण पात्रों की बातचीत या घटनाएँ थोड़ी अत्यधिक नाटकीय या पुरानी फिल्मों जैसी लगती हैं — थोड़ा over-dramatization हो जाता है।
- पात्रों की गहराई: कुछ सपोर्टिंग पात्रों का बैकस्टोरी कम दिखाया गया है, उनका संघर्ष, ट्रेनिंग या परिवार आदि ज़्यादा खुल कर नहीं मिलता — विशेषकर पुलिस या प्रशासन से जुड़े कुछ सदस्य।
- ज्यादा खुलापन होने की संभावना: कहानी बहुत संवेदनशील विषय — बलात्कार, सामाजिक अपमान, न्याय का अभाव आदि — दिखाती है। यदि संभलकर नहीं लिखा गया हो, तो ज़्यादा खुलापन या संवेदनशील दृश्य विवाद हो सकते हैं।
- क्योंकि यह सिर्फ़ मनोरंजन नहीं है — कहानी सोचने पर मजबूर करती है।
- सोशल मीडिया और मिम्स के लिए material मिलता है — विधायक पात्रों की गलतियाँ, सिस्टम की भूलें, गांव-प्रशासन के बीच झकझोरू संवाद आदि।
- महत्वपूर्ण: यह दिखाती है कि न्याय सिर्फ़ कानून से नहीं मिलता, सामाजिक समर्थन, साहस और आवाज़ उठाने वाले लोगों से मिलता है।
प्रभाव एवं उम्मीदें
- उम्मीद की जाती है कि सीरीज़ दर्शकों को ग्रामीण न्याय, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा जैसे विषयों पर बहस करने के लिए प्रेरित करेगी।
- यदि अगला सीज़न बने, तो पात्रों की गहराई और सर्विसिंग की प्रक्रिया, मीडिया की भूमिका और सरकारी तंत्र की पारदर्शिता आदि पर ज़्यादा रोशनी हो सकती है।
- संभव है कि कुछ दृश्य या मुद्दों पर आलोचना हो — संवेदनशील विषय होने के कारण, दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ विविध होंगी।
IMDb और प्लेटफ़ॉर्म रेटिंग
- IMDb पर IPC: The Ratnagiri Files का रेटिंग है लगभग 8.2/10 — यह दर्शाता है कि दर्शकों को कहानी और प्रस्तुति अच्छी लगी।
- Ultra Play पर यह हिन्दी-ओरिजिनल थ्रिलर सीरीज़ के रूप में प्रचारित है, जो हिंदी भाषी दर्शकों के लिए खास विकल्प है।
IPC: The Ratnagiri Files एक ज़रूरी सीरीज़ है जो बुनियादी अपराध थ्रिलर से कहीं आगे निकलती है। यह गाँव-प्रशासन की भूलों, समाज की उपेक्षा, और न्याय की खोज की कहानी है। यदि आप थ्रिलर पसंद करते हो जहाँ दर्द हो, सवाल हो, और जहाँ कहानी सिर्फ़ क्लीड़ी नहीं बल्कि संवेदनशील हो — तो यह सीरीज़ मिस नहीं करनी चाहिए।
ये कहानी दिखाती है कि सच्चा डर कभी एलियंस या ज़ोंबी से नहीं आता, बल्कि समाज की उन चीज़ों से आता है जिन्हें हम अनदेखा करते हैं। Ratnagiri Files उन बातों को सामने लाता है, हिम्मत से, और डर और न्याय दोनों को दर्शकों के सामने रखता है।











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